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तुम कौन हो जो मुझमें इतनी हिम्मत लाये जा रही हो

तुम कौन हो जो मुझमें इतनी हिम्मत लाये जा रही हो हर वक़्त गिरने से पहले ही हाथ थामें जा रही हो क्या ऐसा सब भी होता है तुम्हारी में और मेरी तुम रीढ़ की हड्डी भी बनना होता है नफरत, गुस्सा, टकरार, जलन ये सब में एक दूसरे को टोकना भी होता है पर गलतियों पे चिल्लाने के बाद मुस्कुराके हाथ थामना भी तो होता है ये क्या रिश्ता है क्योंकि मैंने तो सुना था प्यार बेफिक्र है प्यार में नशा है प्यार खुदगर्ज़ है पर यहां तोह फिक्र है होश है और साथ भी तुम कौन हो जो मुझे ये रिश्ते की परिभाषाएं समझा रही हो हर वक़्त गिरने से पहले ही हाथ थामें जा रही हो

  • Omkaar




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