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दिन बीतें रातें बीती



दिन बीतें रातें बीती

यह वक्त भी बीत जाएंगे!

अपने धीरज को धारण कर

सूरज की किरणे फिर से जगमगाएंगे 

दिन बीतें रातें बीती

यह वक्त भी बीत जाएंगे!

तू अपने अंदर के धैर्य को बनाए रख

यह वीरों की धरती है

यहां फिर से परचम लहराएंगे

दिन बीतें रातें बीती

यह वक्त भी बीत जाएंगे!

प्रेम से कृष्ण ने बनाई

इस धरती को वे ऐसे ना मिटाएंगे 

मानव की रक्षा के लिए

कृष्ण फिर से धरती पर आएंगे 

हमारे अंदर के दानव का

अंत करना वे सिखाएंगे

दिन बीतें रातें बीती

ये वक्त भी बीत जाएंगे!

गलतियां जो हमने की है

उसे ना दोहराएंगे

अपने आस - पास; सबको अनुशासन ये सिखाएंगे

कृष्ण तो है सबके अंदर 

हम सब उसे जगाएंगे

यह मुश्किल की घड़ी है

सब मिलकर पार लगाएंगे

दिन बीतें रातें बीती

यह वक्त भी बीत जाएंगे!

- Nidhi Yadav

 
 
 

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